पंचकर्म के दौरान क्या खाएं और क्या नहीं?

पंचकर्म आहार

पंचकर्म एक गहन आयुर्वेदिक शुद्धिकरण प्रक्रिया है, जो शरीर से दोषों, आम (विषाक्त पदार्थों), और अवरोधों को बाहर निकालती है। लेकिन सिर्फ थेरेपी करवाना ही पर्याप्त नहीं – यदि इस दौरान आहार और जीवनशैली का सही पालन न किया जाए, तो पंचकर्म का पूरा लाभ नहीं मिल पाता। इसलिए यह जानना ज़रूरी है – पंचकर्म करते समय क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।

पंचकर्म में आहार का महत्व

आयुर्वेद के अनुसार, पंचकर्म के दौरान शरीर संवेदनशील और शुद्धिकरण की अवस्था में होता है। इस समय जठराग्नि (पाचन अग्नि) कमजोर रहती है और हर चीज़ जो खाई जाती है, वह शरीर पर गहरा असर डालती है।

इसलिए आहार होना चाहिए:

  • हल्का, सुपाच्य और गर्म
  • सात्विक (मन को शांत रखने वाला)
  • दोषानुसार संतुलित
  • जठराग्नि को उत्तेजित करने वाला

क्या खाएं? (What to Eat During Panchakarma)

– खिचड़ीपंचकर्म का आदर्श आहार

  • मूंग दाल + चावल की नरम खिचड़ी
  • थोड़ा सा घी मिलाकर
  • जीरा, अदरक, हिंग जैसे हल्के मसाले

– मांड / कंज़ी

  • चावल या मूंग दाल का पतला पानी
  • पाचन बढ़ाने वाला, शरीर को हाइड्रेट रखने वाला

– उबली हुई हरी सब्जियाँ

  • लौकी, तुरई, गाजर, परवल आदि
  • हल्के मसालों के साथ पकाई गई

– ताजा बना सूप

  • सब्जियों या मूंग दाल का पतला, गरम सूप
  • स्वाद के लिए अजवाइन या काली मिर्च

– गरम पानी

  • दिनभर थोड़ा-थोड़ा पीना
  • अजवाइन, सौंफ, जीरा आदि डालकर

क्या खाएं? (What to Avoid)

भारी, तलाभुना भोजन

  • पूड़ी, पराठा, छोले-भटूरे
  • शरीर में आम उत्पन्न करता है

ठंडा और फ्रिज का खाना

  • दही, आइसक्रीम, बर्फ वाला पानी
  • पाचन अग्नि को बुझाता है

बासी या बारबार गरम किया गया खाना

  • विष के समान कार्य करता है इस अवस्था में

बाहर का खाना / जंक फूड

  • रसायन, प्रिज़र्वेटिव्स शरीर को दूषित करते हैं

मसालेदार, तीखा भोजन

  • पेट में जलन, एसिडिटी, और पित्त विकार पैदा कर सकता है

चाय/कॉफी और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स

  • पाचन में विघ्न और वात वृद्धि का कारण

भोजन करने के समय और मात्रा

  • अधिक बार नहीं खाना – दिन में 2-3 बार पर्याप्त
  • भूख लगे तभी खाएं
  • अधिक मात्रा से परहेज़ करें
  • भोजन चबा-चबा कर खाएं, शांत वातावरण में
  • रात का खाना हल्का और जल्दी

अतिरिक्त सुझाव

  • भोजन के तुरंत बाद न सोएं और न ही स्नान करें
  • पंचकर्म के दौरान संयम, विश्राम और ध्यान करें
  • जितना हो सके, मोबाइल-टीवी आदि से दूरी रखें
  • मन और शरीर को एक साथ शुद्ध करें

पंचकर्म के समय आहार न केवल पेट भरने का माध्यम है, बल्कि यह औषधि के समान कार्य करता है। यदि आप इस दौरान बताए गए आहार-विहार का सही पालन करें, तो पंचकर्म का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है और शरीर-मन दोनों में गहराई से संतुलन आता है।

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